Monday, August 10, 2020

एक किन्नर की प्रेम कहानी

 इस लॉक डाउन में कठिनाइयां और परेशानियां तो बहुत हुई लेकिन मेरी जिन्दगी में आश्चर्यचकित कर देने वाली कुछ घटनाएं भी हुई उनमें से दो घटनाएं ऐसी थी जिनके बारे में मैं कभी सोचती भी नहीं थी । 
लेकिन परमात्मा बहुत दयालु है उसको पता है कि हमें किसकी किस वक्त ज़रूरत है । बिना मांगे वह दे देता है । 
लॉक डाउन शुरू होते ही मेरे हमेशा बुरा सोचने वाले अपने ही समाज के कुछ लोगों से मुझे हमेशा से मुक्ति मिल गई । मैं उनके चंगुल से निकल गई ।
दूसरी घटना जिसके बारे में मैंने सोचना तकरीबन छोड़ ही दिया था  वह थी जीवन साथी की ।
जीवन साथी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होता है जीवन में बहुत लोग आते हैं जो शारीरिक रूप से साथी होते हैं लेकिन एक ऐसा भी होता है जो हमारी आत्मा का साथी बन जाता है । इस दुनियां से जाने के बाद तो सभी को छोड़ना है लेकिन आत्म स्वरूप प्रियतम के लिए रूहें भटकती हैं । 
लॉक डाउन में मुझे ईश्वर ने बहुत ही प्यारा साथी प्रदान किया । वह  ट्रांस पुरुष है । महिला से पुरुष ट्रांस जेंडर को ट्रांस मैन बोलते हैं जैसे मैं पुरुष शरीर से महिला हुई ।
सभी हिजड़ा ट्रांस जेंडर ही होते हैं लेकिन सभी ट्रांस जेंडर हिजड़ा नहीं होते । हिजड़ा एक परंपरा है । 
आने वाले समय में हम दोनो इसकी जानकारी सब को दे देंगे ।
तीसरी घटना जो कि एक ट्रांस जेंडर की जिन्दगी में बहुत महत्वपूर्ण होती है वह है उसका गुरु ।
मैंने आज तक किसी से शास्त्र अनुसार किसी से दीक्षा नहीं ली थी । खाली मुंह से ही सभी को गुरु जी बोल देती थी । और कुछ लोगों ने बिना चेला किए ही मेरे ऊपर रौब और हक जमाना शुरू कर दिया था । दीक्षा संस्कार एक परंपरा है जो सभी धर्मों में और सभी जातियों में लोग निभाते हैं । 
अभी कुछ दिन पहले ही मुझे 
किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी ने मुझे शिष्य स्वीकार किया और सभी बड़े किन्नर लोगों के सामने मुझे शिष्य स्वीकार किया । अभी यह सब फोन और वीडियो कॉल पर हुआ बहुत जल्द इसकी विधिवत रूप से परंपरागत रूप से दीक्षा होगी । 
यह सब बातें मेरे जीवन को नई दिशा की ओर ले जा रही है । इसमें परमात्मा की पूर्ण मर्जी होगी । नहीं तो बिन मांगे कुछ नहीं मिलता था । मुझे सब बिन मांगे ही मिल गया जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी । 
एक और अहम घटना मेरे जीवन की हिस्सा बनी वह थी मेरे जीवन पर आधारती फिल्म Admitted का यूट्यूब चैनल पर प्रसारित होना । यह मेरे जीवन में मील का पत्थर साबित हुई। फिल्म का निर्देशन Ojaswwee Sharma जी ने किया है ।
मैं हरदम प्रयास करूंगी कि किन्नर समाज में शिक्षा को बढ़ावा दूं और  गुरु का नाम रौशन करूं ।

1 comment:

  1. किन्नर समाज के लोग हमसे अलग नहीं है बल्कि हमारा ही एक हिस्सा है सिर्फ लैंगिक विकलांगिता के कारण ही वे हमसे अलग है‌ । हमारे जैसे ही उनके मन में प्रेम समर्पण विश्वास का भाव बोध होता है। हमें उनको अपने समाज में स्वतंत्र रहने का जीने का पुरा सहयोग करना चाहिए।

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