21 फरवरी 2019 को दिल्ली विश्वविद्यालय के हँसराज महाविद्यालय में मंटो की कहानी 'टोबा टेक सिंह' पर आधारित नाटक खेला गया। मंटो आपके या मेरे ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के चेहते अफसानानिगार है। मंटो ने कई कहानियाँ लिखी और क्या खूब लिखी सभी एक से बढ़कर एक। और आज उनकी कहानियों पर शोध भी हो रहे हैं और नाटक भी खेले जा रहे हैं।
टोबा टेक सिंह को कैमरे में लेते समय नीरज से बड़ी गलती हुई है। कारण उन्हें ऐनवक्त पर बताया गया जिस वजह से उन्हें यह नाटक अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करना पड़ा। खैर इससे पहले उनके कैमरे से निकली 'लाल वतन' 'प्रेमचंद' की कहानी 'कफ़न' 'सद्गति' 'चीफ की दावत' और वेश्या खूबसूरत कैमरा एंगल के साथ रही है।
खैर टोबा टेक सिंह नाटक में बिशन सिंह (टोबा टेक सिंह)
बने अवनीश ने बेहतरीन किरदार और अदायगी दिखाई है। नुक्कड़ नाटकों की यही खासियत होती है कि आपको सब कुछ एक टेक में ही करना पड़ता है। यहाँ रीटेक जैसा कुछ नहीं होता। बिशन सिंह के सहायक अभिनेताओं मेंरिवई, स्नेहदीप, नितिन, उषा,आकाश, उज्ज्वल, शालू, नेहा सभी ने अपना काम बखूबी किया है।
टोबा टेक सिंह तो आप सभी ने पढ़ी ही होगी। किस तरह एक पागल खाने में पागल लोगों के साथ व्यवहार किया जाता है और टोबा टेक सिंह की खोज में बिशन सिंह दोनों सरहदों के बीच ही गश खाकर गिर पड़ता है और कहानी का अंत हो जाता है। बिशन सिंह का किरदार इस कहानी में सबसे अहम है और इस किरदार को अवनीश ने घूंट दर घूंट पीया है। रंगरेज थियेटर पिछले 3-4 सालों से लगातार दिल्ली और आसपास के इलाकों में अपनी खूबसूरत प्रस्तुति देता रहा है। जश्न प्रोडक्शन के यूट्यूब चैनल पर इनके नाटकों को देखा जा सकता है।
टोबा टेक सिंह नाटक का यूट्यूब लिंक दे रहा हूँ कैमरे को नजरअंदाज करके आप इस नाटक को अवश्य देखें। वैसे भी नाटकों का हश्र आप सभी जानते हैं। बड़े शहरों के अलावा इन्हें कहीं कोई नहीं पूछता। परिवार वाले भी इन्हें हिदायतें देते रहते हैं। खैर ये सब इनका जाती मामला है। आप नाटक का लुत्फ घर बैठे लें।
लिंक क्लिक करें और नाटक देखें कि कितनी खूबसूरती से हँसराज कॉलेज में अफसानानिगार मंटो को उतारा गया।
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