फ़िल्म - साहो / शाहो
निर्देशक - सुजीत
कास्ट- प्रभास, नील नितिन मुकेश, श्रद्धा कपूर , जैकी श्रॉफ , मंदिरा बेदी, टीनू आंनद, मुरली शर्मा आदि
सबसे पहले बता दूँ कि साहो एक तेलुगु एक्शन फिल्म है, जो 'रन राजा रन' के निर्देशक सुजीत द्वारा निर्देशित है। इस फिल्म में बाहुबली यानी प्रभास मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म के निर्माता वामसी और प्रमोद ने यूवी क्रिएशन्स के बैनर तले किया है।
प्रभास, श्रद्धा कपूर, नील नितिन मुकेश, एवलिन शर्मा, नतासिया माल्टे, लाल, अरुण विजय, शारबंती चटर्जी, जैकी श्रॉफ, वेनेला किशोर, महेश मांजरेकर, चंकी पांडे, साशा छेत्री, तिन्नु आनंद आदि से सजी इस फ़िल्म के सहायक अभिनेता है नवीन वर्मा गणपतिराजू, आदित्य श्रीवास्तव, शिवकृष्ण, मुरली शर्मा।
फ़िल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है-
रॉय ग्रुप ऑफ कंपनीज को एक दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। यह फ़िल्म प्रमुख सदस्यों के बीच सत्ता की लड़ाई है। इस बीच, फ़िल्म के दूसरे हिज्जे में अशोक चक्रवर्ती और उनकी टीम मुंबई में दो लाख करोड़ की एक चोरी के मामले की जांच कर रही है। इन दोनों घटनाओं के बीच क्या संबंध है? इसी के इर्द गिर्द फ़िल्म घूमती नजर आती है। महिष्मती की प्राचीन भूमि में सर्वोच्च शासन करने के बाद, प्रभास ने अपनी नवीनतम एक्शन-थ्रिलर साहो में टी-शर्ट, स्वैग और कारगो के लिए महलों और शाही कपड़ों को छोड़ दिया बावजूद इसके यह फिल्म 350 करोड़ रुपये के असाधारण बजट पर बनी है और इसे बनाने में दो साल लगे हैं।
खाली बर्तन जिस तरह शोर करता है साहो भी उसी तरह चमकते रैपर में खाली शोर मचाती दिखाई देती है। यही कारण है कि फ़िल्म को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और फ़िल्म का निर्देशन भी उन आलोचनाओं के घेरे में आ गया।
फ़िल्म एक प्रकार से टैटू में कवर किए गए घातक बदमाशों के साथ सवार है, और ऊंची इमारतों पर चमकते हुए हैं जो एक वीडियो गेम से ज्यादा कुछ नही नजर आता है। इतना ही नहीं, शहर के चारों ओर एक जादुई आभा है इसे लोग अपनी इच्छा से गुरुत्वाकर्षण के नियमों को धता बता सकते हैं।
हर किसी के सवालों का जवाब देती यह फ़िल्म रहस्यमयी है, जिसका रहस्य कहीं न कहीं दबा हुआ है और यह रहस्य खुलता है फ़िल्म के आखिर तक। अमृता नायर के रूप में श्रद्धा कपूर सहज नजर आई है। कुछ जगह प्रभास की डायलॉग डिलीवरी से भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है श्रद्धा का किरदार।
मंदिरा बेदी फिल्म में व्यावहारिक रूप से गैर-मौजूद सी लगी हैं, और उनके पास केवल कुछ ही डायलॉग्स हैं जो पूरी तरह उन्हें फ़िल्म में स्थापित करने में कम असर हैं। हर फ़िल्म की तरह इस फ़िल्म में भी तमाम महिला अभिनेत्रियां सौंदर्य प्रसादन मात्र है।
इस फ़िल्म को केवल बाहुबली के फैन होने के नाते तथा प्रभास के कभी-कभार अपने वन-लाइनर्स के साथ फ़िल्म का कुछ डैमेज-कंट्रोल करने की कोशिश करने के नाते देखा जा सकता है।
फ़िल्म की कहानी भी उतनी ही हल्की है जितना की इसका निर्देशन। फ़िल्म के अंत से निर्माता निर्देशक ने बताया है कि इसका भाग 2 भी यानी सीक्वल भी बनेगा। फ़िल्म का गीत संगीत औसत दर्जे का है।
Review By Tejas Poonia
अपनी रेटिंग 2 स्टार
निर्देशक - सुजीत
कास्ट- प्रभास, नील नितिन मुकेश, श्रद्धा कपूर , जैकी श्रॉफ , मंदिरा बेदी, टीनू आंनद, मुरली शर्मा आदि
सबसे पहले बता दूँ कि साहो एक तेलुगु एक्शन फिल्म है, जो 'रन राजा रन' के निर्देशक सुजीत द्वारा निर्देशित है। इस फिल्म में बाहुबली यानी प्रभास मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म के निर्माता वामसी और प्रमोद ने यूवी क्रिएशन्स के बैनर तले किया है।
प्रभास, श्रद्धा कपूर, नील नितिन मुकेश, एवलिन शर्मा, नतासिया माल्टे, लाल, अरुण विजय, शारबंती चटर्जी, जैकी श्रॉफ, वेनेला किशोर, महेश मांजरेकर, चंकी पांडे, साशा छेत्री, तिन्नु आनंद आदि से सजी इस फ़िल्म के सहायक अभिनेता है नवीन वर्मा गणपतिराजू, आदित्य श्रीवास्तव, शिवकृष्ण, मुरली शर्मा।
फ़िल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है-
रॉय ग्रुप ऑफ कंपनीज को एक दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। यह फ़िल्म प्रमुख सदस्यों के बीच सत्ता की लड़ाई है। इस बीच, फ़िल्म के दूसरे हिज्जे में अशोक चक्रवर्ती और उनकी टीम मुंबई में दो लाख करोड़ की एक चोरी के मामले की जांच कर रही है। इन दोनों घटनाओं के बीच क्या संबंध है? इसी के इर्द गिर्द फ़िल्म घूमती नजर आती है। महिष्मती की प्राचीन भूमि में सर्वोच्च शासन करने के बाद, प्रभास ने अपनी नवीनतम एक्शन-थ्रिलर साहो में टी-शर्ट, स्वैग और कारगो के लिए महलों और शाही कपड़ों को छोड़ दिया बावजूद इसके यह फिल्म 350 करोड़ रुपये के असाधारण बजट पर बनी है और इसे बनाने में दो साल लगे हैं।
खाली बर्तन जिस तरह शोर करता है साहो भी उसी तरह चमकते रैपर में खाली शोर मचाती दिखाई देती है। यही कारण है कि फ़िल्म को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और फ़िल्म का निर्देशन भी उन आलोचनाओं के घेरे में आ गया।
फ़िल्म एक प्रकार से टैटू में कवर किए गए घातक बदमाशों के साथ सवार है, और ऊंची इमारतों पर चमकते हुए हैं जो एक वीडियो गेम से ज्यादा कुछ नही नजर आता है। इतना ही नहीं, शहर के चारों ओर एक जादुई आभा है इसे लोग अपनी इच्छा से गुरुत्वाकर्षण के नियमों को धता बता सकते हैं।
हर किसी के सवालों का जवाब देती यह फ़िल्म रहस्यमयी है, जिसका रहस्य कहीं न कहीं दबा हुआ है और यह रहस्य खुलता है फ़िल्म के आखिर तक। अमृता नायर के रूप में श्रद्धा कपूर सहज नजर आई है। कुछ जगह प्रभास की डायलॉग डिलीवरी से भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है श्रद्धा का किरदार।
मंदिरा बेदी फिल्म में व्यावहारिक रूप से गैर-मौजूद सी लगी हैं, और उनके पास केवल कुछ ही डायलॉग्स हैं जो पूरी तरह उन्हें फ़िल्म में स्थापित करने में कम असर हैं। हर फ़िल्म की तरह इस फ़िल्म में भी तमाम महिला अभिनेत्रियां सौंदर्य प्रसादन मात्र है।
इस फ़िल्म को केवल बाहुबली के फैन होने के नाते तथा प्रभास के कभी-कभार अपने वन-लाइनर्स के साथ फ़िल्म का कुछ डैमेज-कंट्रोल करने की कोशिश करने के नाते देखा जा सकता है।
फ़िल्म की कहानी भी उतनी ही हल्की है जितना की इसका निर्देशन। फ़िल्म के अंत से निर्माता निर्देशक ने बताया है कि इसका भाग 2 भी यानी सीक्वल भी बनेगा। फ़िल्म का गीत संगीत औसत दर्जे का है।
Review By Tejas Poonia
अपनी रेटिंग 2 स्टार
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